पंखरी संज्ञा पुं॰ [सं॰ पक्ष, हिं॰ पंख + ड़ी (स्वा॰ प्रत्य॰)] दे॰ 'पँखड़ी' । उ॰—सब जग छेली काल कसाई कर्द लिए कँठ काटै । पंच तत्त की पंख पंखरी खंड खंड करि बाँटै ।—दादू॰, पृ॰ ३९४ ।