पँवरना † क्रि॰ अं॰ [सं॰ प्लवन] १. तैरना । २. थाह लेना । पता लगाना । उ॰—सूकर स्वान सियार सिंह सरप रहहिं घट माहिं । कुंजर कीरी जीव सब पँवरहिं जानाहिं नाहिं ।— कबीर (शब्द॰) ।