प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पँतीजी संजा स्त्री॰ [सं॰ पिञ्चन (=धुनकी)] रूई धुमने की धुनकी । उ॰—चरख पँतीजी चरख चढ़ि ज्यों ढ़ाँकत जग सूत ।— वृंद (शब्द॰) ।