प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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नोट संज्ञा पुं॰ [अं॰]

१. टाँकने या निखने का काम । ध्यान रहने के लिये लिख लेने का काम । क्रि॰ प्र॰—करना ।— होना ।

२. लिखा हुआ परचा । पत्र । चिट्ठी । यौ॰ — नोट पेपर ।

३. टिप्पणी । आशय या अर्थ प्रकट करनेवाला लेख ।

४. सरकार की ओर से जारी किया हुआ वह कागज जिसपर कुछ रुपयों की संख्या रहती है और यह लिखा रहता है कि सरकार से उतना रुपया मिल जायगा । सरकारी हुंडी । विशेष— हिंदुस्तान में नोट दो प्रकार का होता है एक करेंसी, दूसरा प्रामिसरी । करेंसी नोट बराबर सिक्कों के स्थान पर चलता है और उसका रुपया जब चाहें तब मिल सकता है । प्रमिसरी नोट पर केवल सूद मिलता रहता है । सरकार माँगने पर उसका रुपया देने के लिये बाध्य नहीं है । प्रामिसरी नोट का भाव घटता बढ़ता है ।