नीहारिका
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादननीहारिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] आकाश में धूएँ या कुहरे की तरह फैला हुआ क्षीण प्रकाशपुंज जो अँधेरी रात में सफेद धब्बे की तरह कहीं कहीं दिखाई पड़ता है । विशेष—नीहारिका के धब्बे हमारे सौर जगत् से बहुत दूर हैं । दूरबीन के द्वारा देखने से ऐसे बहुत से धब्बों का पता अबतक लग चुका हैं जो भिन्न भिन्न अवस्थाओं में हैं । कुछ धब्बे तो ऐसे हैं जो अच्छी से अच्छी दूरबीनों से देखने पर भी कुहरे या भाप के रूप के ही दिखाई पड़ते हैं, और कुछ एक दम छोटे छोटे तारों से मिलकर बने पाए जाते हैं और वास्तव में तारकगुच्छ हैं । आकाश गंगा में इस प्रकार के तारकगुच्छ बहुत से हैं । इन तीनों में शुद्ध नीहारिका एक प्रकार के धब्बे ही हैं जो प्रारंभिक अवस्था में हैं । इनसे आती हुई किरणों की रश्मिविश्लेषण यत्र में परीक्षा करने से कुछ में कई प्रकार की आलोकरेखाएँ पाई जाती हैं । इनमें से कई एक का तो निश्चय नहीं होता कि किस द्रव्य से आती हैं, तीन का पता लगता है कि वे हाइड्रोजन (उतजन) की रेखाएँ हैं । ज्योतिर्विज्ञानियों का कथन है कि नीहारिका के धब्बे ग्रह नक्षत्रों के उपादान हैं । इन्हीं के क्रमशः घनीमूत होकर जमते जमते नक्षत्रों और लोकपिंड़ों की सृष्टि होती हैं । इनमें अत्यंत अधिक मात्रा का ताप होता है । हमारा यह सूर्य अपने ग्रहों और उपग्रहों के साथ आरंभ में नीहारिका रूप में था ।