संज्ञा

पु.


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विशेषण

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

नीला ^१ वि॰ [सं॰ नील] आकाश के रंग का । नील के रंग का । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । मुहा॰—नीला करना = मारते मारते शरीर पर नीले दाग डालना । बहुत मार मारना । नीला पड़ना = नीला हो जाना । नीला पीला होना = क्रोध दिखाना । क्रुद्ध होना । बिगड़ना । नीले हाथ पाँव हों = ठंढा हो जाय । मर जाय । (स्त्रि॰ शाप) । चेहरा नीला पड़ जाना = (१) चेहरे का रंग फीका पड़ जाना । आकृति से भय, उद्विग्नता, लज्जा आदि प्रगट होना । (२) आकृति बिगड़ जाना । सजीवता के लक्षण नष्ट होना ।

नीला ^२ संज्ञा पुं॰

१. एक प्रकार का कबूतर ।

२. नीलम ।

नीला ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. नीली मक्खी ।

२. नील पुनर्नवा ।

३. नील का पौधा ।

४. एक लता ।

५. एक नदी (महाभारत) ।

६. मल्लार राग की एक भार्या ।

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