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विशेषण

अनुवाद


प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

नीचा वि॰ [सं॰ नीच] [वि॰ स्त्री॰ नीची]

१. जिसके तल से उसके आस पास का तल ऊँचा हो । जो कुछ उतार या गहराई पर हो । गहरा । ऊँचा का उलटा । निम्न । जैसे, नाची जमीन, नीचा रास्ता । यौ॰—नीचा ऊँचा = कहीं गहरा और कहीं उठा हुआ । जो समतल न हो । नाबराबर । ऊबड़ खाबड़ । उतार चढ़ाव ।

२. ऊँचाई में सामान्य को अपेक्षा कम । जो ऊपर की ओर दूर तक न गया हो । जैसे, नीच पेड़, नीचा मकान । नीची टोपी । विशेष—ऊँचाई निचाई का भाव सापेक्ष होता है ।

३. जो ऊपर से जमीन की ओर दूर तक आया हो । अधिक लटका हुआ । जैसे, नीचा अगा, नीची धोती, नीची डाल ।

४. जो ऊपर की ओर पूरा उठा न हो । झुका हुआ । नत । जैसे, सिर नीचा करना, झंडा नीचा करना, दृष्टि नीची करना, आँख नीची करना । उ॰—(क) जाचक देहिं असीस सीस नीचो करि करि के ।—गोपाल (शब्द॰) । (ख) रघुनाथ चितै हँसि ठाढ़ी रही पल घूँघट में दृग नीचो करै ।—रघुनाथ (शब्द॰) । (ग) देवनंदन ने देखा इन बातों के कहते लाज से उसकी आँखे नीची हो गई ।— अयोध्यासिंह (शब्द॰) ।

५. जो चढ़ा हुआ न हो । जो तीव्र न हो । धीमा । मध्यम । जो जोर का न हो । जैसे, नीचा सुर, नीची आवाज ।

६. जो जाति, पद, गुण इत्यादि में न्यून या घटकर हो । जो उत्तम और मघ्यम कोटि का न ही । छोटा या ओछा । क्षुद्र । बुरा ।