प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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निस् उप॰ [सं॰] एक उपसर्ग । संस्कृत व्याकरण के नियमानुसार इस उपसर्ग का 'स' 'रु' 'विसर्ग', 'श' और 'ष' में परिवर्तित हो जाता है । जैसे, निर्मक्षिक, नि:संग, निश्चक्र, निष्काम । हिंदी में इसका रूप 'निह' 'निहि' भी मिलता है । जैसे, निहकाम, निहचिंत, निहिचय आदि ।