प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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निरोध संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. रोक । अवरोध । रुकावट । बंधन ।

२. घेरा । घेर लेना । उ॰— तब रावण सुनि लंका निरोध । उपज्यो तन मन अति परम क्रोध ।— केशव (शब्द॰) ।

३. नाश ।

४. योग में चित्त की समस्त वुत्तियों को रोकना जिसमें अभ्यास और वैराग्य की आवश्यकता होती हैं । चित्त— वृत्तियों के निरोध के उपरांत मनुष्य को निर्वीज समाधि प्राप्त होती है ।

५. दंड देना । चोट पहुँचाना (को॰) ।

६. वशिभुत करना । निग्रह (को॰) ।

७. अरुचि । नापसंदगी (को॰) ।

८. नैराश्य (को॰) ।