प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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नि ^१ अव्य [सं॰] एक उपसर्ग जिसके लगने से शब्दों मे इन अर्थों की विशेषता होती है—

१. संघ या समूह । जैसे, निकर ।

२. अधोभाव । जैसे, निपतित ।

३. भृश, अत्यंत । जैसे, निगृहीत ।

४. आदेश । जैसे, निद्श ।

५. नित्य जैसे । निविशिष्ट ।

६. कौशल । जैसे, निपुण ।

७. बंधन जैसे, निबंध ।

८. अंतर्भाव । जैसे, निपित ।

९. समीप । जैसे निकट ।

१०. दर्शन । जैसे, निदर्शन ।

११. उपरम । जैसे निवृत ।

१२. आश्रम जैसे, निलय । मेदनी कोश में ये अर्थ और बतलाए गए हैं—

१३. संशय ।

१४. क्षेप ।

१५. न ।

१६. मोक्ष ।

१७. विन्यास और

१८. निषेध ।

नि ^२ संज्ञा पुं॰ निषाद स्वर का संकेत ।