प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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नापित संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह जो सिर के बाल मुँड़ने (या काटने), और नाखुन आदि काटने का काम करता हो । नाई । नाऊ । हज्जाम । विशेष—धर्मशास्त्र में नापित की गणना अच्छे शुद्रों में है । स्मृतियों में नापित संकर जाति के अंतर्गत माने गए हैं । पराशर स्मृति में लिखा है कि शुद्रा के गर्भ से ब्राह्मण द्धारा उत्पन्न संतान का यदि ब्राह्मण द्धारा संस्कार न हुआ हो तो वह नापित कहलाता है । पर परशुराम के अनुसार कुबेरी पुरुष और पट्टिकारी स्त्री के संयोग से नापितों की उत्पत्ति हुई । मनु ने नापितों की गिनती भोज्यान्न शुद्रों में की है । पर्या॰—क्षुरी । मुंडी । दिवाकीर्ति । अंत्यावसायी । सुत्री । नखकुट्ट । ग्रामीणी । चंद्रिल । भांडपुट ।