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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

नादिरी संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰]

१. एक प्रकार की सदरी या बंडी जो मुगल बादशाहों को समय में पहनी जाती थी । इसके किनारे पर कुछ काम होता था । इसे कभी कभी खिलअत में दिया करते थे ।

२. गंजीफे का वह पत्ता जो खेल के समय निकालकर अलग रख दिया जाता है । मुहा॰—नादिरी चढा़ना =बेतरह मात करना ।