प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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नाठ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ नष्ट, प्रा॰ नट्ठ]

१. नाश । ध्वंस ।

२. अभाव । अनस्तित्व ।

३. वह जायदाद जिसका कोई वारिस न हो । मुहा॰— नाठ पर बैठना = किसी लावारिस माल का आधिकारी होना ।