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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

नागर ^१ वि॰ [सं॰] [स्त्री॰ नागरी]

१. नगर संबंधी ।

२. नगर में रहनेवाला या बोला जानेवाला ।

३. नगर में उत्पन्न या घोषित (को॰) ।

४. नगर में बोली जानेवाली या बोला जानेवाला (को॰) ।

५. सभ्य । शिष्ट । नम्र (को॰) ।

६. चतुर । सयाना (को॰) ।

७. दुष्ट । धूर्त । बुरा । जिसमें नगर संबंधी । दोष हों (को॰) ।

८. नामहीन (को॰) ।

नागर ^२ संज्ञा पुं॰

१. नगर में रहनेवाला मनुष्य ।

२. चतुर आदमी । सभ्य, शिष्ट और निपुण व्यक्ति ।

३. देवर ।

४. सोंठ ।

५. नागरमोथा । नारंगी ।

७. गुजरात में रहनेवाले ब्राह्मणों की एक जाति ।

८. व्याख्याता (को॰) ।

९. क्लांति । श्रम । कठिनाई (को॰) ।

१०. मोक्ष की इच्छा (को॰) ।

११. एक रतिबंध (को॰) ।

१२. नागरी लिपि अथा अक्षर (को॰) ।

१३. राजकुमार जो युद्धरत हो (को॰) ।

१४. किसी नक्षत्र का दूसरे नक्षत्र से विरोध (ज्योतिष) (को॰) ।

१५. ज्ञान या जानकारी का अस्वीकार (को॰) ।

१६. वास्तुकला की तीन पद्धतियों में से एक जो चतुरस्र या चतुष्कोण होती है (को॰) ।

नागर ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ नाग(=साँप)] दीवार का टेढा़पन जो जमीन की तंगी के कारण होता है ।