प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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नहर संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ नह्न]

१. वह कुत्रिम नदींया जलमार्ग जो खेतों की सिंचाई या यात्रा आदि के लिये तैयार किया जाता है ।

२. जल बहाने के लिये बनाया हुआ रास्ता । उ॰— (क) राम अरु यादवन सुभंट ताके हते रुधिर के नहर सरिता बहाई ।—सूर (शब्द॰) । (ख) बाग तडा़ग सुहावन लागे । जल की नहर सकल महि भागे ।—रघुराज (शब्द॰) । मुहा॰—नहर काटना या खोदना = नहर तैयार करना । विशेष—साधारणतः एक स्थान से दूसरे स्थान तक पानी ले जाने, खेत सींचने आदि के लिये नदियों में जोड़कर जल- मार्ग तैयार किया जाता है । बडी़ बडी़ नहरें प्रायः साधारण नदियों के समान हुआ करती हैं और उनमें बडी़ बडी़ नावें चलती हैं । कहीं कहीं दो झीलों या बडे़ जलाशयों का पानी मिलाने के लिये भी नहरें बनाई जाती हैं ।