प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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नवरस संज्ञा पुं॰ [सं॰] काव्य के नौ रस, यथा श्रृंगार, हास्य, करुण, रौद्र, वीर, भयानक, वीभत्स, अद्भुत और शांत । विशेष—दे॰'रस ' नवरा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ नकुल] दे॰ 'नेवला' ।