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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

नत्थी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ नथ (= आभूषण) या नाथना]

१. कागज या कपड़े आदि के कई टुकड़ों को एक साथ मिलाकर औ र आरपार छेद करके सबको डोरे या आलपीन आदि से एक ही में बाँधना वा फसाना ।

२. इस प्रकार एक ही में नाथे हुए कई कागज आदि जो प्रायः एक ही विषय से संबंध रखते हैं । मिस्ल ।