नक्षत्रयाजक संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह ब्राह्मण जो ग्रहों और नक्षत्रों आदि के दोषों की शांति कराता है । विशेष—महाभारत के अनुसार ऐसा ब्राह्मण निकृष्ट और प्रायः चांडाल के समान होता है ।