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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

नक्त ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह समय जब दिन केवल एक मुहूर्त ही रह गया हो । बिलकुल संध्या का समय ।

२. रात रात्रि ।

३. एक प्रकार का व्रत जो अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को किया जाता है । विशेष—इसमें दिन से समय बिलकुल भोजन नहीं किया जाताः केवल रात को तारे देखकर भोजन किया जाता है । किसी किसी के मत से इस व्रत में ठीक संध्या के समय, जब दिन केवल मुहूर्त भर रह गया हो, भोजन करना चाहिए । यह व्रत प्रायः यति और विधवाएँ करती है । इस व्रत में रात के समय विश्णु की पूजा भी की जाती है ।

४. शिव ।

५. राजा पृथु के पुत्र का नाम ।

नक्त ^२ वि॰ लज्जित । जो शरमा गया हो ।