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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

नक्कीमूठ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ नक्की + मूठ (= मुट्ठी) जूए का एक खेल जो प्रायः स्त्रियाँ और बालक कौड़ियों से खेलते हैं । नक्कीपूर । विशेष—इस खेल में एक दूसरी को कटती हुई दो सीधी लकीरें खींचते हैं और उनके चारों सिसें में से एक सिरे पर एक बिंदी, दूसरे पर दो, तीसरे पर तीन और चौथे पर चार बिंदियाँ बना दी जाती हैं । इनको क्रमशः नक्की, दूआ, तीया और पूर कहते हैं । इसमें दो से चार तक खिलाड़ी होते हैं जो एक एक दाँव ले लेते हैं । एक खिला़ड़ी अपनी मुट्ठी में कुछ कौड़ियाँ लेकर अपने दाँव पर मुट्ठी रख देता है । तब बाकी खिलाडी़ अपने अपने दाँव पर कुछ कौड़ियाँ लगते हैं । इसके उपरांत वह पहला खिलाड़ी अपनी मुट्ठी की कौड़ियाँ गिनकर चार का भाग देता है । जब भाग देने पर १ कौड़ी बचे तो नक्कीवाले की, २ बचें तो दूएवाले की, ३ बचें तो तीएवाले की और कुछ भी न बचे तो पूरवाले की जीत होती है । जिसकी जीत होती है दूसरी बार वही मूठ लाता है । यदि मूठ लानेवाले का दाँव आता है तो वह दाँव पर रखी हुई सबकी कोड़ियाँ जीत लेता है, नहीं तो जिसकी जीत होती है उसको उसे उतनी ही कौड़ियाँ देनी पड़ती हैं जितनी उसने दाँव पर लगाई हों ।