प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ध्रुवक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. स्थाणु । थून । खंभा ।

२. ध्रुपद नामक गीत ।

३. ध्रुपद की टेक (को॰) ।

४. नक्षत्र की दुरी । विशेष— मीन राशि के शेष से जिस नक्षत्र का योग तारा जितनी दूर पर रहता है उतने को उस नक्षत्र का ध्रुवक कहते हैं ।