प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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धूपघड़ी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ धूप + घड़ी] एक यंत्र जिससे धूप में समय का ज्ञान होता है । विशेष—काठ या धातु का एक गोल चक्कर बनाकर उसके चार भाग कर ले और एक एक भाग में छह छह समान भाग करे और उस चक्कर की कोर थोड़ा छोड़ दे । उस कोर में साठ भाग करे और बीच में एक एक अंगुल चौड़ी दो पट्टियाँ ऐसी लगावे जिनसे उस चक्कर के चार विभाग पूरे हो जायँ । दोनों पट्टियाँ जहाँ मिलें वहीं बीचोबीच एक छेद करके एक कील लगा दे और चुंबक की सुई से या और किसी प्रकार उत्तर दक्षिण दिशा ठीक ठीक जान ले । उस स्थान के जितने अक्षांश हों उतनी वह कील उत्तर की ओर उठी रहे । उस कील की छाया मध्याह्न से पहले पश्चिम की ओर और मध्याह्न के पीछे पूर्व की ओर पड़ेगी । मध्याह्न के चिह्न स े पश्चिम की ओर जिस चिह्न पर छाया हो उतनी ही घड़ी मध्याह्न में घटती जाने । इसी प्रकार पूर्व का भी जान ले ।