धाड़
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनधाड़ † संज्ञा स्त्री॰ [देश॰]
१. दे॰ 'डाढ़' ।
२. दे॰ 'दाहा़ड़' ।
३. दे॰ 'ढाड़' ।
धाड़ ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ धार]
१. डाकुओं का आक्रमण । क्रि॰ प्र॰—पड़ना ।
२. जल्दी । शीघ्रता । मुहा॰— धाड़ पड़ना = बहु जल्दी होना । बहुत शीघ्रता होना । जैसे,— ऐसी कौन सी धाड़ पड़ी है जो अभी उठकर चले ।
३. लुटेरों का समूह । उ॰— धाडे़ पुकार पड़ लाखि धाड़ । रवि उदय अस्तलग पंच राहु ।— रा॰ रू॰, पृ॰ ७३ ।
४. जत्था । झुंड । गिरोह । जैसे, धाड़ की धाड़ बंदर आ गए ।