प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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धर्माधिकरण संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह स्थान जहाँ राजा व्यवहारों (मुकदमों) पर विचार करता है । विचारालव ।