A print from 1845 shows cowry shells being used as money by an Arab trader
  • धन का अर्थ होता है द्रव्य।

उदाहरण

  • लक्ष्मी धन की देवी है।
  • विद्या-धन अनमोल होती है।

मूल

  • धन संस्कृत मूल का शब्द है।

अन्य अर्थ

संबंधित शब्द

  • धनवान

हिंदी में

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

धन ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह वस्तु या वस्तुओं की सअष्टि जिससे किसी उपयोगी या इष्ट अर्थ की सिद्धि होती है और जो श्रम, पूँजी या समय लगाने से प्राप्त होती है विशेषतः अधिक परिमाण में संचित उपयोग को सामग्री । रुपया पैसा, जमीन, जायदाद इत्यादि । जीवनोपाय । संपत्ति । द्रव्य । दौलत । क्रि॰ प्र॰—कमाना ।—भोगना ।—लगाना । यौ॰—धनधान्य । मुहा॰—घन उड़ाना = धन को चटपट व्यर्थ खर्च कर डालना ।

२. चौपायों का झुंड जो किसी के पास हो । गाय, भैंस आदि । गोधन ।

३. स्नेहपात्र । अत्यंत प्रिय व्यक्ति । जीवनसर्वस्व । जैसे, आणधन, जीवनधन ।

४. गणित में जोड़ी जानेवाली संख्या या जोड़ का चिह्व । योग संख्या या योग (+) । ऋण या क्षय का उलटा ।

५. वह द्रव्य जिसमें वृद्धि या व्याज न संमिलित हो । मूल । पूंजी ।

३. जन्मकुंडली में जन्मलग्न से दूसरा स्थान । विशेष—इसे देखकर यह विचार किया जाता है कि बच्चा धनी होगा या निर्धन । जैसे, यदि सूर्य धन स्थान में हो तो मनुष्य धनहीन होगा, चंद्रमा हो तो धनधान्य से पूर्ण होगा, इत्यादि । अश्विनी, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद और रोहिणी ये धनप्रयोग नक्षत्र कहलाते हैं ।

७. कच्ची धातु । खान से निकली हुई बिना साफ या शुद्ध की हुई धातु (खानवाले) ।

८. लूट का माल (को॰) ।

९. पुरस्कार (कौ॰) । १० प्रतिद्वंदिता । होड़ । मुकाबिला (को॰) ।

११. आवाज । शब्द । ध्वनि (को॰) ।

१२. धनिष्ठा नक्षत्र (को॰) ।

धन पु ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ धनी] युवती स्त्री । वधू । उ॰—(क) पुनि धन भरि अंजुलि जल लीन्हा । नखत मोछ न्योछावरि कीन्हा ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) सूरदास सोभा क्यों पावै पिय विहोन धन मटके ।—सूर (शब्द॰) । (ग) नूपुर पायँ उठे झननाय सु जाय लगी धन धाय झरोखे ।—देव (शब्द॰) ।

धन † ^३ वि॰ [सं॰ धन्य] दे॰ 'धन्य' । उ॰—धन वे पुरष बड़ा पणधारी ।—र॰ रू॰, पृ॰ २४ ।