धत्तानंद संज्ञा पुं॰ [?] एक छंद जिसकी प्रत्येक पंक्ति में ११ + ७ + १३ के विश्राम से ३१ मात्राएँ होती हैं । अंत में एक नगण होता है । जैसे,—जय कंदिय कुल कंस, बलिविध्वंस, केशिय बक दानव दरन । सो हरि दीनदयाल, भक्तकृपाल, कवि सुखदेव कृपा करन—सुखदेव (शब्द॰) ।