धक्कमधक्का संज्ञा पुं॰ [हिं॰ धक्का] १. बार बार बहुत अधिक या बहुत से आदमियों का परस्पर धक्का देने का काम । धकापेल । २. ऐसी भीड़ जिसमें लोगों के शरीर एक दूसरी से रगड़ खाते हों । रेलापेल । जैसे,—मंदिर के भीतर बहुत धक्कमधक्का है ।