धकेलना क्रि॰ स॰ (हिं॰ धक्का) ढकेलना । ठेलना । धक्का देना । उ॰—मेघों को एकत्रित करती हवा, हाथियों की धकेलती, उड़ चलो अरे लोगों उस निर्बल पुण्य पुरुष की करो मदद कुछ, तुम्हें चाहता था जौ इतना ।—दंदन॰, पृ॰ १०२ । संयो॰ क्रि॰—देना । विशेष—दे॰ 'ढकेलना' ।