प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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द्रष्टा ^१ वि॰ [सं॰ द्रष्ट्ट]

१. देखनेवाला ।

२. साक्षात् करनेवाला ।

३. दर्शक । प्रकाशक ।

द्रष्टा ^२ संज्ञा पुं॰

१. साख्य के अनुसार पुरुष और योग के अनुसार आत्मा । विशेष— आत्मा द्रष्टा और अंतःकरण दृश्य मान जाता है । इन दोनों का संयोग ही दुःख कराण हैं । सुख, दुःख आदि यो बुद्धिद्रव्य के विकार हैं । इंद्रियों का संबंध होने से अंतःकरण या बुद्धिद्रव्य ही विषय या सुख दुःख रूप में परिणत होता है, आत्मा नहीं । आत्मा द्रष्टा के रूप में रहता है ।

२. निर्णायक । जज । विचारपति । न्यायाधिश (को॰) ।