दोर
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनदोर † ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ दो] दोबारा जोती हुई जमीन । वह जमीन जो दो दफे जोती गई हो ।
दोर पु ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] डोर । रस्सी । उ॰—मन खेलार तन चंग नव उड़त रंग रस डोर । दूरिहि दोर बटोर जब जब पारै तब ठोर ।—स॰ सप्तक, पृ॰ २५१ ।
दोर संज्ञा पुं॰ [सं॰] दोः का समासप्राप्त रूप ।