दूत
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनदूत संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ दूती]
१. वह मनुष्य जो किसी विशेष कार्य के लिये अथवा कोई समाचार पहुँचाने या लाने के लिये कहीं भेजा जाय । सँदेसा ले जाने या ले आनेवाला मनुष्य । चर । बसीठ । विशेष—प्राचीन काल में राजाओं के यहाँ दूसरे राज्यों में संधि और विग्रह आदि का समाचार पहुँचाने या वहाँ का हालचाल जानने के लिय दूत रखे जाते थे । अनेक ग्रंथों में योग्य दूतों के लक्षण दिए हुए हैं । उनके अनुसार दूत को यथोक्तवादी, देशभाषा का उच्छा जानकार, कार्यकुशल, सहनशील, परिश्रमी, नीतिज्ञ, बुद्धिमान, मंत्रणाकुशल और सर्वगुणसंपन्न होना चाहिए । आजकल एक राष्ट्र के प्रतिनिधि दूसरे राष्ट्र में स्थायी रूप से रहते हैं वे भी दूत या राजदूत ही कहलाते हैं ।
२. प्रेमी का संदेशा प्रेमिका तक या प्रेमिका का संदेशा प्रेमी तक पहुँचानेवाला मनुष्य ।