दुर्मुख
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनदुर्मुख संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. घोड़ा ।
२. राम की सेना का एक बंदर ।
३. महिषासुर के एक सेनापति का नाम ।
४. रामचंद्र जी का एक गुप्तचर जिसके द्वारा वे अपनी प्रजा का वृत्तांत जाना करते थे । इसी के मुँह से उन्होंने सीता का वह वृत्तांत सुना था जिसके कारण सीता का द्वितीय वनवास हुआ था (उत्तर- रामचरित) ।
५. एक नाग का नाम ।
६. शिव ।
७. धृतराष्ट्र के एक पुत्र का नाम ।
८. वह घर जिसका द्वार उत्तर की ओर हो ।
९. साठ संवत्सरों में से एक ।
१०. एक यज्ञ का नाम ।
११. गणेश जी का एक नाम ।
१२. रावण की सेना का एक राक्षस । उ॰—दुर्मुख सुररिपु मनुज अहारी ।—मानस, ६ । ६१ ।
दुर्मुख ^२ वि॰ [वि॰ स्त्री॰ दुर्मुखी]
१. जिसका मुख बुरा हो । विकृत मुख का । बदसूरत ।
२. बुरे वचन बोलनेवाला । कटुभाषी । अप्रियवादी ।