दुआर † संज्ञा पुं॰ [सं॰ द्वार] [स्त्री॰ दुआरी] द्वार । उ॰— घरी पहर हो तो बचाए रहौं मेरी बीर देहरी दुआर दुख आठहू पहर को ।—ठाकुर॰, पृ॰ ३ ।