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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

दिव्यदृष्टि संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. अलौकिक दृष्टि जिससे गुप्त, परोक्ष अथवा अंतिरिक्ष के पदार्थ दिखाई दें । जैसे,—आपने यहीं बैठे बैठे दिव्यदृष्टि से देख लिया कि बरात वहाँ पहुँच गई । (व्यंग्य) ।

२. ज्ञानदृष्टि ।