दहन
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनदहन ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ दहनीय, दह्यमान]
१. जलने की क्रिया या भाव । भस्म होने या करने की क्रिया । दाह । जैसे, लंकादहन । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।
२. अग्नि । आग ।
३. कृत्तिका नक्षत्र ।
४. तीन की संख्या ।
५. भिलावाँ । भल्लातक ।
६. चित्रक । चीता ।
७. दुष्ट या क्रोधी मनुष्य ।
८. कबूतर । कपोत ।
९. एक रुद्र का नाम ।
१०. ज्योतिष में एक योग जो पू्र् भाद्रपद उत्तराभाद्रपद और रेवती इन नक्षत्रों में शुक्र के होने पर होता है ।
११. ज्योतिष में एक वीथी जो पूर्वाषाढ़ और उतराषाढ़ नक्षत्रों में शुक्र के होने पर होती है ।
दहन ^२ वि॰
१. जलानेवाला । दाहक । उ॰—जय रघुवंस वनज वन भानू । गहन दनुज वन दहन कृमानू ।—मानस, १ ।
२. दाहयुक्त [को॰] ।
दहन ^३ संज्ञा पुं॰ [फा़॰]
१. मुख । मुँह । उ॰—दहन पा हैं उनके गुमाँ कैसे कैसे ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ४०७ ।
२. छिद्र । सूराख ।
दहन ^४ संज्ञा पुं॰ [देश॰] कंजा नाम की कँटीली झाडी़ । वि॰ दे॰ 'कंजा' ।