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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

दसता † संज्ञा पुं॰ [फा़॰ दस्तानह्] हाथ के पंजो की रक्षा के लिये बना हुआ लौह कवच । उ॰—माथे टोप सनाह तन, कर

दसता रिन काज । भावड़िया सोभै नहीं, सूरा हँदो साज ।— बाँकी॰ ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ २० ।