प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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दलदल संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दलाढ्य ( = नदीतट का कीचड़)]

१. कीचड़ । पाँक । चहला ।

२. वह जमीन जो गईराई तक गीली हो और जिससें पैर नीचे को धँसता हो । विशेष—कहीं कहीं पूरब में यह शब्द पुं॰ भी बोला जाता है । मुहा॰—दलदल में फँसना = (१) कीचड़ में फँसना । (२) ऐसी कठिनाई में फँस जाना जिससे निकलना दुस्तर हो । मुश्किल या दिक्कत में पड़ना । (३) जल्दी खतम या तै न होना । अनिर्णीत रहना । खटाई में पड़ना । उ॰—दोनों दलों की दलादली में दलपति का चुनाव भी दलदल में फँसा रहा ।— बदरीनारायण चौधरी (शब्द॰) ।

४. बुड्ढी स्त्री (पालकी के कहार) ।