दम्भ
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनदंभ संज्ञा पुं॰ [सं॰ दम्भ] [वि॰ दंभी]
१. महत्व दिखाने या प्रयोजन सिद्ध करने के लिये झूठा आडंबर । धोखे में डालने के लिये ऊपरी दिखावट । पाखंड । उ॰—आसन मार दंभ धर बैठे मन में बहुत गुमाना ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ ३३८ ।
२. झूठी ठसक । अभिमान । घमंड ।
३. शठता । शाठ्य (को॰) ।
४. शिव का एक नाम (को॰) ।
५. इंद्र का वज्र (को॰) ।