दंडपारुष्य संज्ञा पुं॰ [सं॰ दण्डपारुष्य] १. मनुस्मृति के टीकाकार कुल्लूक भट्ट के मतानुसार दूसरे के शरीर पर हाथ, डंडे आदि से आघात करने, धूल मौला आदि फेंकना का दृष्ट कार्य । मार पीट । २. राजाओं के सात व्यसनों में से एक ।