प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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दंडघर ^२ संज्ञा पुं॰

१. यमराज ।

२. शासनकर्ता ।

३. संन्यासी ।

४. छड़ी दरदार । द्वाररक्षक । उ॰—जहाँ बूढे करणिक, दंडधर, कंचुकी और वाहक तत्परता से इधर उधर घूमते ।—वै॰ न॰ पृ॰ ६४ ।