थम्मा † संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्तम्भ] [स्त्री॰ थंभी] दे॰ 'थँभ' । उ॰—(क) थम्माँ के गलि लागई आहि सिर पर अगनी अँगारू ।—प्राण॰, पृ॰ २४४ । (ख) काम बिरह की त्राठी दाधा । बिरह आग्नि का थम्मी बाधा ।—प्राण॰, पृ॰ १५२ ।