थपाना पु † क्रि॰ सं॰ [थपना] स्थापित करना । स्थित कराना । उ॰— जगन्नाथ कहँ दीन्ह थपाई । तब हम चल चँदवारे आई ।——कबीर सा॰, पृ॰ १९२ ।