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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

त्रिपिताना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ तुप्ति + आना (प्रत्य॰)] तृप्ति पाना । तृप्त होना । अघा जाना । उ॰—(क) कैसे तृषावंत जल अँचवत वह तो पुनि ठहरात । यह आतुर छबि लै उर धारति नेकु नहीं त्रिपितात ।—सूर (शब्द॰) । (ख) जे षटरस मुख भौग करत हैं ते कैसे खरि खात । सूर सुनो लोचन हरि रस तजि हम सों क्यों त्रिपितात ।—सूर (शब्द॰) ।

त्रिपिताना ^२ क्रि॰ स॰ तृप्त करना । संतुष्ट करना ।