हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

त्रिपाण संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह सूत जो तीन बार भिगोया गया हो (कर्मकांड) । वल्कल । छाल ।