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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

त्रिपताक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह माथा या ललाट जिसमें तीन बल पडे़ हों ।

२. हाथ की एक मुद्रा जिनमें तीन उँगलियाँ फैली हों (को॰) ।