प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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त्रिधासर्ग संज्ञा पुं॰ [सं॰] दैव, तियंग् और मानुष ये तीनों सर्ग जिसके अंतर्गत सारी सृष्टि आ जाती है । विशेष—दे॰ 'सर्ग' ।