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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

त्रिदिव संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. स्वर्ग । उ॰—अनुज ! रहना उचित तुमको यहीं है, यहाँ जो है त्रिदिव में भी नहीं है ।—साकेत, पृ॰ ६५ ।

२. आकाश ।

३. सुख ।