त्रिड़ना पु क्रि॰ अ॰ [अनु॰ तड़तड़; राज॰ तिडकणो; हिं॰ तड़कना] दे॰ 'तड़कना' । उ॰—जिणि दीहे तिल्ली त्रिड़इ , हिरणी झालइ गाम । ताँह दिहाँरी गोरडी़, पड़तउ झालइ आम ।—ढोला॰, दू॰ २८२ ।