त्रिगढ़ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ त्रि + गढ़] ब्रह्मांड । सहस्रार । उ॰—कूढ़ अरु कपट की झपट कूँ छाँडि़ दे त्रिगढ़ सिर बाय अनहद्द तूरा ।—राम॰ धर्म॰, पृ॰ १३७ ।