त्रिकुटाअचल पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ त्रिकूट + अचल] त्रिकूट पर्वत । उ॰—संपातरा सुण वयण सारा गहर नद गाजे । चित्त चाव त्रिकुटा अचल चढ़िया, कुटवा काजे ।—रघु॰ रू॰, पृ॰ १६२ ।